शाहीनबाग की तर्ज पर चेन्नई में भी CAA के विरुद्ध विरोध प्रदर्शन, लेकिन पुलिस ने कर दी कुटाई

मुख्य  बिंदु :-
  • बीते  दीन चेन्नई में CAA के विरुद्ध शुरू हुआ था विरोध प्रदर्शन
  • वाशरमनपेट में प्रदर्शन कर रहे थे CAA विरोधी 
  • पुलिस ने किया लाठी चार्ज 
  • चेन्नई में मिंट मेट्रो स्टेशन के पास पुलिस ने प्रदर्शनकारियों पर किया लाठी चार्ज
  • मामला शांत नहीं पर पुलिस और प्रदर्शनकरियो में हुई झड़प 
  • पुलिस में 100 लोगो को लिया हिरासत में जिन्हे बाद में रिहा कर दिया गया 
  • प्रदर्शनकारियों के पथराव के कारण 4 पुलिसकर्मी भी हुए घायल 
  • सुप्रीमकोर्ट ने एक याचिका पर केंद्र को नोटिस भेजकर CAA पर जवाब मनंगा है 
  • उलेमा-ए-हिंद ने यह याचिका दायर की थी  



चेन्नई में भी CAA का विरोध  शुरू :- 
नागरिकता संशोधन कानून (CAA), राष्ट्रीय नागरिक रजिस्टर (NRC) और राष्ट्रीय जनसंख्या रजिस्टर (NPR) के मुद्दे पर देश में कई जगहों पर विरोध प्रदर्शन हो रहा है। वहीं चेन्नई पुलिस ने कथित तौर पर उन प्रदर्शनकारियों पर लाठीचार्ज किया है जो वाशरमनपेट में प्रदर्शन कर रहे थे। चेन्नई में मिंट मेट्रो स्टेशन के पास बड़ी संख्या में लोगों के विरोध प्रदर्शन को देखते हुए पुलिस ने कार्रवाई की। पुलिस ने प्रदर्शनकारियों को हिरासत में भी लिया लेकिन बाद में उन्हें रिहा कर दिया गया।


वाशरमैनपेट इलाके में हजारों लोग सीएए, एनआरसी और एनपीआर के खिलाफ जमा हुए थे। मामला तब भड़क गया जब पुलिस ने प्रदर्शनकारी से कुछ लोगों को जबरन हटाया। इसके बाद प्रदर्शनकारी और पुलिस में भिड़ंत हो गई। यहां तंग लोगों को हटाने के लिए पुलिस को लाठीचार्ज करना पड़ा। हालांकि लोग इसके बावजूद नहीं हटे। बाद में पुलिस ने कई लोगों को हिरासत में लिया जिन्हें बाद में रिहा कर दिया गया।



पुलिस और प्रदर्शनकारियों के बिच हुई झड़प :-
दूसरी ओर चेन्नई पुलिस का कहना है कि प्रदर्शनकारियों से भिड़ंत में चार पुलिसकर्मी शामिल हो गए हैं। इनमें से एक महिला डिप्टी कमिश्नर, दो महिला अधिकारी और एक सब-इंस्पेक्टर शामिल हैं। कहा जा रहा है कि प्रदर्शनकारियों के पथराव में पुलिसकर्मी घायल हुए हैं। उधर प्रदर्शनकारियों का भी कहना है कि उनके खेमे से भी कुछ लोग जख्मी हुए हैं। बवाल बढ़ने पर पुलिस ने कुछ प्रदर्शनकारियों को हिरासत में लिया। इनकी रिहाई के लिए लोगों ने नारेबाजी शुरू कर दी। बाद में स्थिति नियंत्रण में आ गई.


सुप्रीमकोर्ट ने केंद्र से माँगा जवाब :-
सुप्रीम कोर्ट ने नागरिकता संशोधन कानून, 2019 (सीएए) और राष्ट्रीय नागरिकता रजिस्टर (एनआरसी) की संवैधानिक वैधता पर सवाल उठाने वाली एक याचिका पर केंद्र सरकार को नोटिस भेजकर जवाब मांगा है। देवबंदी विचारधारा के इस्लामी संगठन जमियत उलेमा-ए-हिंद ने यह याचिका दायर की है। सर्वोच्च अदालत ने इस याचिका के साथ ही संबंधित और मामलों को भी संलग्न कर दिया है। दरअसल सौ से अधिक याचिकाएं सीएए के विरोध और समर्थन में सुप्रीम कोर्ट में दायर हैं।


देश के अलग अलग हिस्सों में अभी जारी है विरोध प्रदर्शन :-
नागरिकता संशोधन कानून पर देश के कई हिस्सों में अब भी प्रदर्शन जारी है। इस कानून के जरिये इस्लामिक पड़ोसी देश अफगानिस्तान, पाकिस्तान और बांग्लादेश में धर्म के आधार पर प्रताड़ित अल्पसंख्यक हिंदू, सिख, ईसाई, बौद्ध, जैन और पारसी को नागरिकता दी जाएगी, लेकिन भारत की नागरिकता के लिए केवल उन्हीं के आवेदन स्वीकार किए जाएंगे जो 31 दिसंबर, 2014 तक भारत में आ चुके हैं।

इससे पहले, सुप्रीम कोर्ट ने विगत सात फरवरी को असम समझौते को प्रभावी रूप से लागू करने और नागरिकता संशोधन कानून की संवैधानिक वैधता को चुनौती देने वाली याचिका पर केंद्र सरकार को नोटिस जारी किया था। 

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