नई दिल्लीः आरएसएस प्रमुख मोहन भागवत और जमीयत उलेमा ए हिन्द के प्रमुख मौलाना अरशद मदनी की मुलाकात ने कई लोगो को अचंभे में डाल दिया है लेकिन आरएसएस इस मसले पर मौन है. बल्कि मदनी का कहना है कि मुलाकात हिन्दू- मुस्लिम एकता बढ़ाने के लिए हुई है.
समाचार पढ़ने से पहले एक गुजारिस , हमारे फेसबुक पेज को लाइक कर हमारे साथ जुड़े।
दिल्ली का झंडेवालान इलाका जो आरएसएस के दिल्ली मुख्यालय के तौर पर भी पहचान रखता है. बीते शुक्रवार को यहां एक चौंकाने वाली घटना घटी है. आरएसएस के इस मुख्यालय में आरएसएस प्रमुख के साथ मुस्लिम संगठन जमीयत उलेमा ए हिन्द के प्रमुख मौलाना अरशद मदनी की डेढ़ घंटे लंबी मुलाकात हुई, मुलाकात को लेकर आरएसएस मौन है लेकिन जमीयत उलेमा ए हिन्द ने इस पर चुप्पी तोड़ी है.
सूत्रों का कहना है कि मौजूदा हालात में हिन्दू-मुस्लिम एकता को और मजबूत करने के लिए इस बैठक की कोशिशें पिछले दो साल से हो रही थी, भीड़तंत्र द्वारा हत्या और तीन तलाक कानून पास होने के बाद देश में हिन्दू-मुस्लिम एकता को और मजबूत करने की ज़रूरत है, मदनी ने ये भी कहा कि एक बड़े समुदाय को नाराज़ कर देश को आगे नहीं बढ़ाया जा सकता, इसके लिये दूसरे मुस्लिम संगठनों से भी बात करने की ज़रूरत है.