नमस्कार दोस्तों आप सबका स्वागत है भारत आइडिया के इस नए संस्करण के समाचार लेख में। भारत आइडिया के पाठकों आज इस लेख में हम मोदी जी और योगी जी के बारे में बात करेंगे जहां ये आमने सामने अगाए ।
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भारतीय जनता पार्टी में अचानक एक बड़ा संकट आ खड़ा हुआ है। इससे पार्टी में हड़कंप मचा हुआ है। पहली बार ऐसा हुआ है कि किसी मुद्दे पर योगी आदित्यनाथ और नरेंद्र मोदी सरकार आमने-सामने आ गई हो। हालांकि मंगलवार को ऐसा ही हुआ जब संसद में मोदी सरकार के मंत्री ने योगी सरकार के खिलाफ ही बड़ा बयान दे दिया। आखिर वो मुद्दा कौन सा है, आइए जानते हैं।
उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ हों या भारत के पीएम नरेंद्र मोदी, दोनों के बीच कभी भी राजनीतिक टकराव नहीं होता है। सीएम योगी अपनी सरकार की सफलता का पूरा श्रेय मोदी को ही देते हैं। वहीं खुले दिल से उनकी तारीफ भी करते हैं। दूसरी ओर पीएम मोदी भी योगी की तारीफ करना किसी भी मौके पर नहीं भूलते हैं।
पहली बार ऐसा हुआ है कि योगी और मोदी सरकार में टकराव हुआ है। जिस मुद्दे पर दोनों सरकारें आमने-सामने आई हैं वो मुद्दा ओबीसी आरक्षण का है। योगी सरकार ने प्रदेश की 17 ओबीसी जातियों को एससी में शामिल करने का आदेश दे दिया। इसके बाद से हड़कंप मच गया था। हालांकि मंगलवार को मोदी सरकार ने योगी आदित्यनाथ सरकार के उस फैसले को गैर-कानूनी करार दिया है।
ओबीसी आरक्षण के फैसले पर राज्यसभा में केंद्रीय मंत्री थावर चंद गहलोत ने साफ कर दिया केन्द्र ने योगी सरकार से इस फैसले की वापसी की मांग की है। उन्होंने साफ कहा कि ये कानूनी रूप से उचित नहीं है। मंत्री बोले कि ये संसद का विशेष अधिकार है और विधिन मान्य भी नहीं है। ये जवाब उन्होंने बसपा सांसद सतीश चन्द्र मिश्रा की आपत्ति पर दिया।