समाचार के मुख्य बिंदु :-
- दिल्ली हिंसा मामले में दिल्ली हाईकोर्ट में सुनवाई शुरू हो गई है.
- दिल्ली पुलिस ने जवाब दाखिल करने के लिए समय मांगा है.
- हाई कोर्ट ने दिल्ली पुलिस को 13 अप्रैल तक का समय दे दिया है.
- हाई कोर्ट ने गृह मंत्रालय को दिल्ली हिंसा मामले में पक्षकार बनाए जाने की दलील को मंजूरी दी.
- केंद्र और दिल्ली पुलिस के वकील सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता ने कहा भड़काऊ बयानों पर नहीं हो सकती करवाई.
- याचिकाकर्ता केवल तीन भड़काऊ बयानों को चुनकर कार्रवाई की मांग नहीं कर सकता.
- इन तीन हेट स्पीच के अलावा कई और हेट स्पीच है, जिसको लेकर शिकायत दर्ज कराई गई.
- हम हिंसा को नियंत्रित करने की पूरी कोशिश कर रहे हैं : तुषार मेहता.
- केंद्र को पक्षकार बनाया जाए या नहीं ये कोर्ट को तय करना है, याचिकाकर्ता को नहीं : तुषार मेहता.
- कल तक हमने 11 और आज 37 एफआईआर दर्ज किया. कुल 48 एफआईआर दर्ज किए गए है : तुषार मेहता.
दिल्ली हिंसा मामले में दिल्ली हाईकोर्ट में सुनवाई शुरू हो गई है:-
दिल्ली( Delhi) हिंसा मामले में दिल्ली हाईकोर्ट(Delhi High Court) में सुनवाई शुरू हो गई है. दिल्ली पुलिस(Delhi Police) ने कोर्ट में अपना जवाब दाखिल करने के लिए समय मांगा है. इस पर हाई कोर्ट ने 13 अप्रैल तक का समय दे दिया है. तब तक केंद्र सरकार(central government) को भड़काऊ भाषण पर रिपोर्ट सौंपनी होगी. अब मामले की अगली सुनवाई 13 अप्रैल को होगी. इसके साथ ही हाई कोर्ट(Delhi High Court) ने केंद्र सरकार यानी गृह मंत्रालय(Ministry of Home Affairs) को दिल्ली हिंसा मामले में पक्षकार बनाए जाने की दलील को मंजूरी दी.केंद्र और दिल्ली पुलिस के वकील सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता(Solicitor General Tushar Mehta) ने कहा कि कल कोर्ट ने आदेश जारी कर जवाब मांगा था कि जो भड़काऊ बयान दिए गए थे उनपर करवाई की जाए, जबकि ये बयान 1-2 महीने पहले दी गई. याचिकाकर्ता(The petitioner ) केवल तीन भड़काऊ बयानों को चुनकर कार्रवाई की मांग नहीं कर सकता.
हम हिंसा को नियंत्रित करने की पूरी कोशिश कर रहे हैं : तुषार मेहता :-
सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता(Solicitor General Tushar Mehta) ने कहा कि हमारे पास इन तीन हेट स्पीच के अलावा कई और हेट स्पीच( hate speech) है, जिसको लेकर शिकायत दर्ज कराई गई. याचिकाकर्ता(The petitioner) ने चुनिंदा सिर्फ तीन वीडियो का हवाला दिया है. एक जनहित याचिका में ऐसा नहीं होता. केंद्र (Center) को पक्षकार बनाया जाए या नहीं ये कोर्ट(court ) को तय करना है, याचिकाकर्ता(The petitioner) को नहीं. हम हिंसा को नियंत्रित करने की पूरी कोशिश कर रहे हैं.केंद्र की इस दलील पर याचिकाकर्ता की ओर से बोले वकील कोलिन गोंजाल्विश(Colin Gonzalvish) ने कहा कि सबसे पहले आज ही सभी के खिलाफ एफआईआर(FIRs ) दर्ज हों, फिर फटाफट गिरफ्तारी भी हो..
हमारे पास कई और क्लिप्स:-
तुषार मेहता(Tusshar Mehta) ने कहा कि मौजूदा माहौल इस बात के लिए उपयुक्त नहीं है कि हम चुनिंदा तरीके से उन्हीं तीन वीडियो ( बीजेपी नेताओं कपिल मिश्रा, अनुराग ठाकुर और प्रवेश वर्मा की स्पीच) (Speeches by BJP leaders Kapil Mishra, Anurag Thakur and Pravesh Verma) को देखे. इस पर चीफ जस्टिस डीएन पटेल(Chief Justice DN Patel) ने पूछा कि 11 एफआईआर दर्ज की गई हैं ? जवाब देते हुए सॉलीसिटर जनरल तुषार मेहता(Solicitor General Tushar Mehta ) ने कहा कि कल तक हमने 11 और आज 37 एफआईआर दर्ज किया. कुल 48 एफआईआर दर्ज किए गए है. याचिकाकर्ता इस पर एफआईआर चाहता है कि कपिल मिश्रा( Kapil Mishra ) ने ऐसा किया या वारिस पठान ने ऐसा किया. मौत या आगजनी या लूटपाट होने पर हमें एफआईआर(FIR) दर्ज करनी होती है. अन्य मुद्दों में समय लगता है.
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