नमस्कार दोस्तों आप सबका स्वागत है भारत आइडिया के इस नए संस्करण के समाचार लेख में। भारत आइडिया के पाठकों आज इस लेख में हम बात करेंगे , कमलेश तिवारी की ह्त्या के लिए बनाया गया था बड़ा प्लान.. दुबई से आया था साजिशकर्ता राशिद पठान
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गुजरात ATS के साथ मिलकर उत्तर प्रदेश पुलिस ने प्रखर हिन्दू राष्ट्रवादी नेता कमलेश तिवारी की ह्त्या का खुलासा कर दिया है. गुजरात ATS ने इस मामले में तीन लोगों को गिरफ्तार किया है. जिन लोगों को गुजरात ATS द्वारा कमलेश तिवारी की ह्त्या के मामले में गिरफ्तार किया है उनके नाम मौलाना मोहसिन, फैजान तथा राशिद पठान है. वहीं जिन उन्मादियों ने कमलेश तिवारी की ह्त्या को अंजाम दिया उनकी पहिचान मोइनुद्दीन पठान और अशफाक के रूप में हुई है.
कमलेश तिवारी की ह्त्या के मामले में राशिद शेख पठान की भूमिका मास्टरमाइंड के तौर पर सामने आई है. राशिद शेख ने ही गुजरात के सूरत में कमलेश तिवारी की ह्त्या की साजिश रची थी. सबसे बड़ी बात ये है कि राशिद शेख पठान दो महीने पहले ही कमलेश तिवारी की ह्त्या करने के लिए दुबई से सूरत आया था. राशिद दुबई में काम करता था तथा दो महीने पहले ही दुबई से सूरत इसलिए वापस आया ताकि कमलेश तिवारी की ह्त्या को अंजाम दे सके.
जिस तरह राशिद कमलेश तिवारी की ह्त्या करने के लिए दुबई से सूरत आया, उससे ये सवाल भी खड़ा होता है कि कहीं इस मामले का अंतर्राष्ट्रीय कनेक्शन तो नहीं है? कहीं ऐसा तो नहीं है कि दुबई में बैठकर कमलेश तिवारी की ह्त्या की योजना बनाई गई हो, उसके बाद राशिद शेख पठान को दुबई से सूरत भेजा हो तथा यहां से राशिद ने इस योजना को अंजाम तक पहुंचाया. ये वो सवाल है जिसका जवाब हमें आने वाले समय में पता चलेगा लेकिन ये सवाल अनायास ही नहीं है बल्कि पीछे तमाम ठोस कारण है. यही वो सवाल है जिसके कारण ये भी कहा जा रहा है कि कमलेश तिवारी हत्याकांड की जांच NIA को सौंपी जा सकती है.राशिद शेख पठान जब दुबई से वापस आया तो उसने ही कमलेश तिवारी की ह्त्या के लिए पिस्टल खरीदी थी. राशिद ने ये पिस्टल सूरत से ही खरीदी. वहीं दुबई से आने के बाद राशिद ने कमलेश तिवारी की ह्त्या के लिए अन्य को तैयार किया. राशिद ने ही अपने साथियों के साथ सूरत से मिठाई खरीदी. इसी मिठाई के डिब्बे में हत्यारे पिस्टल-चाकू छिपाकर लाए थे. यह डिब्बा सूरत के उद्योग नगर उधना स्थित धरती फूड्स प्राइवेट लिमिटेड का था.
चाकू-पिस्टल रखा मिठाई का ये डिब्बा इसके बाद मोइनुद्दीन पठान और अशफाक को दिया गया. मोइनुद्दीन पठान और अशफाक ने इसके बाद कमलेश तिवारी से मिलने के लिए समय माँगा. कमलेश तिवारी के कर्मचारी सौराष्ट्रजीत सिंह ने बताया कि बृहस्पतिवार रात करीब 12.30 किसी का फोन आया था. उसने मिलने के लिए कहा लेकिन कमलेश तिवारी ने काफी रात होने की बात कहते हुए मना कर दिया. सुबह उक्त व्यक्ति ने फिर से फोन करके मिलने के लिए समय मांगा तो कमलेश ने उन्हें ऑफिस आने को कहा. इसके बाद दोनों हमलावर कमलेश तिवारी से मिलने आये तथा इसी दौरान उनकी गला रेतकर ह्त्या कर दी.