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अयोध्या विवाद पर सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई चल रही है। 9 अगस्त को कोर्ट ने रामलला के वकील से पूछा था- क्या भगवान राम का कोई वंशज अयोध्या या दुनिया में है? इस पर वकील ने कहा था- हमें जानकारी नहीं। मगर जयपुर के राजपरिवार का कहना है कि हम भगवान राम के बड़े बेटे कुश के नाम पर ख्यात कच्छवाहा/कुशवाहा वंश के वंशज हैं। यह बात इतिहास के पन्नों में दर्ज है।पूर्व राजकुमारी दीयाकुमारी ने इसके कई सबूत भी दिए हैं। उन्होंने एक पत्रावली दिखाई है, जिसमें भगवान श्रीराम के वंश के सभी पूर्वजों का नाम क्रमवार दर्ज हैं। इसी में 289वें वंशज के रूप में सवाई जयसिंह और 307वें वंशज के रूप में महाराजा भवानी सिंह का नाम लिखा है। इसके अलावा पोथीखाने के नक्शे भी हैं।
दीयाकुमारी ने दिए ये 3 सबूत
जयपुर के महाराजा सवाई जयसिंह भगवान राम के बड़े बेटे कुश के 289वें वंशज थे।
9 दस्तावेज, 2 नक्शे साबित करते हैं कि अयाेध्या के जयसिंहपुरा व राम जन्मस्थान सवाई जयसिंह द्वितीय के अधीन ही थे।
1776 के एक हुक्म में लिखाथा कि जयसिंहपुरा की भूमि कच्छवाहा के अधिकार में हैं।
कुशवाहा वंश के 63वें वंशज थे श्रीराम, राजकुमारी दीयाकुमारी 308वीं पीढ़ी
सिटी पैलेस के ओएसडी रामू रामदेव के अनुुसार कच्छवाहा वंश काे भगवान राम के बड़े बेटे कुश के नाम पर कुशवाहा वंश भी कहा जाता है। इसकी वंशावली के मुताबिक 62वें वंशज राजा दशरथ, 63वें वंशज श्री राम, 64वें वंशज कुश थे। 289वें वंशज आमेर-जयपुर के सवाई जयसिंह, ईश्वरी सिंह और सवाई माधाे सिंह और पृथ्वी सिंह रहे। भवानी सिंह 307वें वंशज थे।
इतिहासकार बोले- रामजन्म स्थल पर जयपुर के कच्छवाहा वंश का हक
सिटी पैलेस के पाेथीखाना में रखे 9 दस्तावेज और 2 नक्शे साबित करते हैं कि अयाेध्या के जयसिंहपुरा और राम जन्मस्थान सवाई जयसिंह द्वितीय के अधीन थे। प्रसिद्ध इतिहासकार आरनाथ की किताब द जयसिंहपुरा ऑफ सवाई राजा जयसिंह एट अयाेध्या के एनेक्सचर-2 के मुताबिक अयाेध्या के रामजन्म स्थल मंदिर पर जयपुर के कच्छवाहा वंश का अधिकार था।