नमस्कार दोस्तों आप सबका स्वागत है भारत आइडिया के इस नए संस्करण के समाचार लेख में। भारत आइडिया के पाठकों आज इस लेख में हम बात करने वाले है तेजस्वी और नीतीश के जुगलबंदी के बारे में ।
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बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार भले ही आरजेडी के नेता तेजस्वी यादव के बयानों से खुश न रहते हों लेकिन उन्होंने तेजस्वी को बड़ी राहत दी है. बिहार सरकार ने कहा है कि तेजस्वी यादव जब उप मुख्यमंत्री थे तो उनके बंगले में खर्च नियमानुसार ही किया गया है. सरकार की ओर से जारी इस बयान को एक तरह से क्लीनचिट के तौर पर देखा जा रहा है. भवन निर्माण विभाग के प्रधान सचिव चंचल कुमार जो मुख्य मंत्री के भी प्रधान सचिव ने एक संवादाता सम्मेलन में कहा, 'पांच देश रत्न मार्ग जो उपमुख्य मंत्री के लिए चिन्हित हैं उस पर जब तक तेजस्वी यादव रहे उस समय नियम के अनुसार राशि ख़र्च हुई. हालांकि उन्होंने यह भी माना कि विभिन्न मद में अधिक राशि ख़र्च हुई है.
इस वक्तव्य के बाद इस बंगले पर साज सज्जा के नाम पर बीजेपी नेताओं ख़ासकर उप मुख्यमंत्री सुशील मोदी द्वारा जांच कराने के घोषणा पर सवालिया निशान खड़ा हो गया है. भवन निर्माण विभाग के प्रधान सचिव चंचल कुमार ने ये भी सफ़ाई दी कि मोदी के वक्तव्य के अनुसार किसी कमेटी से जांच नहीं करायी जाएगी. निश्चित रूप से बिहार सरकार के इस सफ़ाई के बाद राजद के नेता ख़ासकर तेजस्वी यादव राहत की सांस लेंगे.
लेकिन बिहार सरकार ने लगता है कि इस प्रकरण के बाद अब मंत्री , विधायक के बंगले पर कितना ख़र्च हो उसकी सीमा तय कर दी है. अब किसी मंत्री का बंगला पूरी तरह 'सेंट्रालाइज्ड एसी' युक्त नहीं होगा.
बिहार सरकार की ओर से लिए गए इस फैसले के कई मायने निकाले जा रहे हैं. एक ओर जहां मोदी सरकार में मंत्रिमंडल में मिली एक सीट की वजह से बिहार एनडीए में तनाव की खबर आ रही हैं वहीं नीतीश कुमार ने जब अपने मंत्रिमंडल का विस्तार किया था तो उसमें बीजेपी को भी जगह नहीं मिली थी. 'चमकी बुखार' में हुई बच्चों की मौत पर घिरे नीतीश कुमार क्या बिहार में विधानसभा चुनाव से पहले भी कोई बड़ा फैसला लेंगे इस पर भी कयास लगने शुरू हो गए हैं.